सोनभद्र।जहां एक तरफ सरकार हर घर नल योजना चलाकर वाह वाही लूटने की कोशिश कर रही हैं । हालांकि अभी भी योजना पूरी नहीं हो पाई है। तो वही कई ऐसे क्षेत्र है जहां हैंडपंप बोरिंग होने के बावजूद पानी नहीं उगल रहे। जबकि दूषित पानी पीने से चोपन ब्लॉक के कई गांव के लोगों में बीमारियां घर कर गई है।
सोनभद्र जनपद में गर्मी की शुरुआत होते ही हैंडपंप की मांग तेज़ी से होने लगी हैं। क्योंकि बिजली की व्यवस्था जनपद में हमेशा से चरमराई हुई होती है। ऐसे में जब लाइट नहीं होती तो पेयजल के लिए रहवासियों को हैंडपंप पर ही निर्भर होना पड़ता है।
सोनभद्र के चोपन में बने सामुदायिक केंद्र में हैंडपंप के लिए बोरिंग तो है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता की वजह से हैंडपंप का अधिकतर पुर्जे गायब है। जिस वजह से हैंडपंप का उपयोग नहीं हो पा रहा। सैकड़ों की संख्या में आने वाले मरीजों के लिए सामुदायिक केंद्र चोपन में खराब हैंडपंप लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। स्वास्थ्य विभाग भी खराब हैंडपंप की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। हैंडपंप खराब होने के चलते लोगों को शुद्ध पेयजल न मिल पाने से मरीज परेशान नजर आ रहे हैं। जैसे लगता है कि, पेयजल एवं नगर पंचायत चोपन विभाग के पास खराब हैंडपंप को मरम्मत करने के लिए बजट की सुविधा नहीं है।
नतीजन मरीज़ो को होटलों का दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित नगर पंचायत चोपन का सामुदायिक केंद्र में पिछले कई सालों से हैंडपंप खराब है। हैंडपंप खराब होने की शिकायत करने के बाद भी हैंडपंप का मरम्मत नहीं होना शासन और प्रशासन का यह दावा का पोल खोलने के लिए काफी है कि जनता को सुलभ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकताओ में से एक है।
अब देखने वाली बात होगी कि, शिकायत करने के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन में हैंडपंप कब सही होकर मरीजों के लिए वरदान साबित होगा। या फिर नया बोरिंग कर हैंडपंप की सौगात मरीज़ो को मिलती है।
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