विजयगढ़ दुर्ग में उर्स मेले का आयोजन हुआ संपन्न

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सोनभद्र के विजयगढ़ दुर्ग प्रबंधन समिति की ओर से 22 अप्रैल से 2 दिवसीय विशाल हिंदू मेले का आयोजन किया गया है। हर साल यहां हिंदुओं का मेला लगता है तो वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग यहां स्थित मीरानशाह बाबा की मजार पर चादर चढ़ाते हैं।मेले में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय ओर हिन्दू समुदाय के लोग आते है।जिसकी वजह से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किया गया है।विशाल हिंदू मेला विजयगढ़ दुर्ग सोनभद्र से 18 किमी पूर्व दिशा में स्थित विजयगढ़ दुर्ग पर विगत सालों की भांति इस साल भी 22 अप्रैल से दो दिवसीय विशाल हिंदू मेले का आयोजन किया गया है।

23 तारीख को मीरान शाह बाबा की मजार पर जल्दी के कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें दूर-दूर से लोगों ने पहुंच कर उसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।विजयगढ़ का किला वही किला है जिसपर महान उपन्यास चंद्रकांता लिखा गया है देवकी नंदन खत्री जिसे लिखा है |यह किला पहाड़ से लगभग 400 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है इस किले क्षेत्र कैमूर रेंज की खड़ी और बीहड़ पहाड़ियों से ढका है |यह राजकुमारी चंद्रकांता का किला है।सोनभद्र के विजयगढ़ इस दुर्ग में छोटे बड़े मिलाकर कुल 7 तालाब स्थित हैं इनमें दो सरोवरों रामसागर और मीरसागर में कैसे पानी कभी नहीं सूखता यह वाकई एक रहस्य है।रामसागर को लेकर तो कई दन्त कथायें भी प्रचलित हैं। कहते हैं कि इसमें हाथ डालने पर कभी-कभी बर्तन मिल जाया करते थे और लोग उसी में खाना बनाते थे।लोगों ने यहां मौजूद सरोवरों को भी हिन्दू और मुसलमान नाम दें रखे है। जिसके आधार पर एक का नाम रामसागर है एवं दूसरे का मीरसागर है।किले में एक मज़ार और शिवालय भी है। यहाँ मौजूद मज़ार के बारे में कहा जाता है की ये मुस्लिम संत सैय्यद जैन-उल अबदीन मीर साहिब की कब्र है, जो हज़रत मीरान साहिब बाबा के नाम से प्रख्यात है। हर साल अप्रैल के महीनें में यहाँ सालाना उर्स का आयोजन होता है। उर्स के मेले में सभी धर्म के लोग शामिल होते हैं। वहीँ शिवालय में भी हर साल सावन में लोग कांवर चढ़ाने आते हैं। सभी कांवरिये रामसागर से जल भरकर भगवान शिव पर चढ़ाते हैं।

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