मंदिर परिसर से निकलने वाले कूड़े-कचरे, प्लास्टिक गौवंशो के लिए बन रहे घातक, रोक लगाने के बजाए जिम्मेदार बने हुए हैं मूक-बधिर

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सोनभद्र। एक तरफ प्रदेश सरकार जहां गौशालयों के जरिए गौ संरक्षण पर जोर दे रही है और गौ सुरक्षा के प्रति भी गंभीर बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर धर्म का लबादा ओढ़े हुए लोग ही गौ संरक्षण से बेफिक्र बने हुए उन्हें मौत के मुंह में धकेलने का कार्य कर रहे हैं। ऊपर तस्वीरों में आप जो दृश्य देख रहे हैं यह तस्वीर है सोनभद्र जिले के डाला स्थित वैष्णो देवी मंदिर परिसर का है। जहां मंदिर से निकलने वाले कूड़े-कचरे, प्लास्टिक इत्यादि को खुले में फेंका जा रहा है। जहां गोवंशों का झुंड उन कूड़े कचरों पर अपनी भूख मिटाते हुए नजर आते हैं जो उनके लिए घातक ही नहीं बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। इसका आभास भले ही इंसानों को ना हो, लेकिन इन बेजुबानों को कुछ दिनों बाद होने लगता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है। क्योंकि यह बेजुबान अपने दर्द और व्यथा को बता पाने में असमर्थ होते हैं। दु:खद बात यह है कि इन बेजुबानों के दर्द और पीड़ा को इंसान समझ सकता है, लेकिन देखने के बाद भी अनजान बना हुआ इसे बढ़ावा देता जा रहा है। दरअसल, डाला स्थित वैष्णो देवी मंदिर परिसर से निकलने वाले कूड़े-कचरे मंदिर परिसर के दुकानदारों द्वारा फेंके गए कूड़े कचरे पर अक्सर आसपास के गौ एकत्र होकर भोजन की तलाश में जुटी रहती हैं जिनके पेट में प्लास्टिक की थैलियां कचरा इत्यादि सीधे तौर पर जा रहे हैं जो उनके लिए घातक साबित होते हैं। इस पर रोक लगाने और कूड़े-कचरे को खुले में ना फेंक कर किसी अन्यत्र स्थल पर निस्तारित किए जाने की भी कोई योजना मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा न किए जाने से सरकार के गौ संरक्षण अभियान को ठेस तो पहुंच ही रहा है। सर्वाधिक नुकसान इन बेजुबानों को हो रहा है। इस संदर्भ में कई गौ धर्मप्रेमी लोगों ने भी पूर्व में मंदिर प्रबंधन समिति से जुड़े हुए लोगों का ध्यान आकर्षण करते हुए टोका था, लेकिन इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां आने वाले दर्शनार्थियों ने भी कूड़े कचरे को अन्यत्र फेक जाने का आग्रह किया था, ताकि बेजुबान को इन पर मुंह ना मरने पाएं। बावजूद इसके इस तरफ कोई ध्यान न देकर मनमानी ढंग से कूड़े कचरे को खुले में फेंका जा रहा है।

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