ओबरा/सोनभद्र- ओबरा तापीय परियोजना से निकलने वाले राखड़ ग्रामीणों को आवागमन में बाधक बना हुआ है। ग्रामीण तरह-तरह की बीमारी से परेशान है।
ओबरा डैम से होकर पनारी ग्राम पंचायत से लेकर कई ग्राम पंचायत के लाखों लोगों के प्रतिदिन आवागमन का मात्र यही मार्ग है। जो आज के समय मे अधिकारियों के रवैये से ग्रामीणों के जीवन मे नासूर बन कर फैल रहा हैं । नदियों में शाम होते ही राखंड़ युक्त पानी छोड़ दिया जाता है। जिसका असर ज्यादा तर किसान झेल रहे है। प्रदूषण विभाग मौन है।
बताया जा रहा है कि प्रदूषण की शिकायत का कोई अधिकारियों पर नही हैं। लेकिन ग्रामीण भी विरोध व बीमारी से बचने के लिए आंदोलन करने को तैयार है।
ग्रामीणों ने अभी लोकसभा चुनाव में सड़क, पानी, बिजली की समस्या से परेशान होकर वोट डालने से इनकार कर दिया था। जहां सरकार के आँख में मिर्ची की तरह चुभने लगा। अब दिन ओ दूर नही की जनता अपना आपा न खो दें।
अधिकारियों की चुप्पी भ्रस्टाचार को बढ़ा रहा है। जिसके जिम्मेदार जिम्मेदार कुर्सी पर बैठे लोग है। जिसका ध्यान पॉकेट भरने में ज्यादा लेकिन जनता के हित को देखना अनकसा सा हो गया है।
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