खनन माफियाओं का काला खेल: सोनभद्र में अवैध खनन से पहाड़ों का अस्तित्व संकट में

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ओबरा रिपोर्टर यश कश्यप

सोनभद्र। बिल्ली मारकुण्डी क्षेत्र में खनन माफियाओं और खनन अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन का खेल जारी है। दिन-रात चल रहे इस खनन से सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान हो रहा है।

मशीनों और ट्रकों की आवाज से यह इलाका लगातार गूंजता रहता है। ऊंचाई पर आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर खनिजों का दोहन किया जा रहा है, जिससे पहाड़ खतरनाक रूप से टूट रहे हैं।

 

जानकारी के अनुसार, श्री महादेव इंटरप्राइजेज (पार्टनर अरुण सिंह) का पट्टा आराजी संख्या 7536 ग मि. पर है। 4.900 हेक्टेयर क्षेत्रफल की यह खदान 21 सितंबर 2022 से 20 सितंबर 2032 तक स्वीकृत है।

क्षेत्रीय लोग आरोप लगाते हैं कि खनन विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से यह अवैध खनन हो रहा है। रात के अंधेरे में कई मशीनों का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है।

इस खनन से न केवल पहाड़ों का अस्तित्व खतरे में है, बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। जंगल और वन्यजीव प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही, ग्रामीणों के जीवन पर संकट गहराता जा रहा है।

यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह इलाका बंजर भूमि में तब्दील हो सकता है। सरकार को राजस्व हानि रोकने और पर्यावरण संरक्षण के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

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