ओबरा सोनभद्र।ओबरा भारतीय संविदा श्रमिक संगठन के महामंत्री नागेन्द्र प्रताप चौहान ने महानिदेशक राज्य कर्मचारी बीमा निगम ,श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली, मुख्य महाप्रबंधक ओबरा , पुलिस अधीक्षक सोनभद्र को शिकायत पत्र भेज कर ओबरा सी परियोजना ओबरा सोनभद्र में कम्पनियों द्वारा ESIC अंशदान जमा ना करने एवं कटौती की गयी धनराशी में हेर-फेर करने के विरुद्ध उच्चस्तरीय जांच कराये जाने की मांग की है, संगठन द्वारा बताया गया कि, ओबरा सी परियोजना , ओबरा सोनभद्र , उत्तर-प्रदेश स्थित एक निर्माणाधीन परियोजना है, जो की उत्तर – प्रदेश सरकार के अधीन है, जिसका निर्माण का कार्य प्रदेश सरकार द्वारा कोरियन कम्पनी – मेसर्स/- दुसान पॉवर सिस्टम इण्डिया प्रा०लि० दिया गया है, दुसान कम्पनी द्वारा 2017 से उक्त परियोजना के नव निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया, इस दौरान दुसान कम्पनी द्वारा उक्त निर्माण कार्य को कराये जाने हेतु अपने अधीन सैकड़ों कम्पनियों / संविदाकारों को अनुबन्धित कर उनसे कार्य कराया गया, इस दौरान उक्त परियोजना के नव निर्माण कार्य में विभिन्न कंपनियों / संविदाकारों के माध्यम से तक़रीबन 7000 हजार से अधिक श्रमिक कार्यरत थे, दुसान कम्पनी मुख्य सेवायोजक के रूप में अपने अधीन अनुबंधित कम्पनियों / संविदाकारों के माध्यम से श्रमिकों को निर्माण कार्य हेतु नियोजित करती है, इस दौरान संगठन द्वारा आयोजित गेट-मीटिंग एवं मजदूर सभा मंम संगठन द्वारा पूछे गए ESIC कटौती सम्बंधित प्रश्न पर कार्यरत श्रमिकों ने संगठन को यह अवगत कराया कि, दुसान कम्पनी एवं उनके अनुबंधित कम्पनियों / संविदाकारों द्वारा प्रत्येक माह वेतन से ESIC की कटौती की जाती है , परन्तु उसके सम्बन्ध में कंपनियों द्वारा हम श्रमिकों को कोई भी साक्ष्य नहीं दिया गया है, जब संगठन द्वारा इस मामलें की जांच की गयी तो पाया गया कि, कुछ कंपनियों द्वारा ई०एस०आई० के नाम पर प्रत्येक माह श्रमिकों के वेतन से धनराशी की कटौती की जाती रही है परन्तु उनके ई०एस०आई० कटौती की धनराशी जमा नहीं कराई गयी , बहुत सी कम्पनियों ने यह कह कर ई०एस०आई० की कटौती नहीं की कि, ओबरा सी परियोजना ई०एस०आई० योजना के क्षेत्र में नही आता है इसलिए श्रमिकों का ई०एस०आई० नहीं कटता है I
संगठन के अध्यक्ष नवाज खान ने कहा कि, ई०एस०आई० भारत श्रम मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसका उद्देश्य पंजीकृत श्रमिकों को नि:शुल्क चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराना , आर्थिक जोखिम को कम करना एवं बेरोजगार होने की दशा में बेरोजगारी भत्ता प्रदान करना है जिससे की श्रमिकों को सम्मान जनक जीवन जीने में आर्थिक विषमताओं का सामना ना करना पड़े I ओबरा सी परियोजना ओबरा में दूसान कम्पनी के अधीन निम्नलिखित कम्पनियाँ / संविदाकार जीडीसीएल कम्पनी, बीईपीएल कम्पनी, जी. पावर कम्पनी, इंडवेल कम्पनी, एसकेपीएल कम्पनी, पूजा एंटरप्राइजेज, एबीसी कम्पनी, मैक्सवेल/मेकवेल कम्पनी ,एस.जी.के. कम्पनी, ओएम कंस्ट्रक्शन कम्पनी, वूसन कम्पनी, लॉयड कम्पनी, आर.के.ई. कम्पनी, पी.एन.सी. कम्पनी, एन.टी.आई.सी. कम्पनी, आई.डब्ल्यू.ई. कम्पनी, ए.के.सी. कम्पनी, एल.डी. एंटरप्राइजेज कम्पनी, आनंद कम्पनी, पी.सी.टी.एल. कम्पनी, एस.के कम्पनी, थाईसुन क्रुप कम्पनी, एस.ई.पी.एल. कम्पनी, बी.टी.ई. कम्पनी, सम एनर्जी कम्पनी, अर्पण कम्पनी ,यू.पी.एस. कम्पनी, टी.एम.सी. कम्पनी, जिवाला कम्पनी, ए.वी.पी.एल कम्पनी, हैंकुक कम्पनी, जे.एस. माइनिंग कम्पनी ,आर.सी.एम.डब्ल्यू. कम्पनी, दिवा ईवा कम्पनी, सिम्प्लेक्स कम्पनी, स्टार लाइट वर्क कम्पनी, आर.एम.सी. कम्पनी, नेशनल सिविकॉन कम्पनी, इंदुरे कम्पनी, शिव शरण कम्पनी, आयन एक्सचेंज कम्पनी, एयरविंग कम्पनी, जी.जे.आई. कम्पनी, जैगसन कम्पनी, जियोकॉन इंडिया कम्पनी, पांडे कंस्ट्रक्शन कम्पनी, जंगड़े कंस्ट्रक्शन कम्पनी, के.सी.सी. कम्पनी, अमन कम्पनी, आदित्य कम्पनी, किशन कंस्ट्रक्शन वर्क, बी.जी.आर सिस्टम कम्पनी, जे.के.ई. कम्पनी ,एस.एम.एस. कम्पनी, रॉयल कंस्ट्रक्शन माईनिग वर्क, ग्रोथ ओरामा कम्पनी, ई.सी.सी. कम्पनी , ट्राईगार्ड कम्पनी, एम.एस.एफ आदि कम्पनियाँ / संविदाकार कार्यरत है, इस विषय को अपने संज्ञान में लेते हुए उपरोक्त मामले में दुसान कम्पनी एवं उनके अनुबंधित कम्पनियों / संविदाकारों द्वारा श्रमिकों के करोड़ों रुपयों के ई०एस०आई० कटौती की धनराशी में हेर-फेर की गयी है जिसकी उच्चस्तरीय जांच कराते हुए सम्बंधितों के विरुद्ध वाद दर्ज कर ई०एस०आई० अधिनियमों का नियमत: पालन ना करने वाली कम्पनियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही किया जाना न्यायोचित है I
महामंत्री
भारतीय संविदा श्रमिक संगठन
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