अवैध खनन एवं अवैध परिवहन द्वारा राजस्व लूट का खेल पर जांच शुरू चुनाव आयोग से की गई शिकायत हो सकती है बड़ी कार्रवाई

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चोपन/ सोनभद्र। भगवा साइड के वीर कंस्ट्रक्शन द्वारा लगातार अवैध खनन जारी है। जिस जगह पर अवैध खनन किया जा रहा है स्थानीय लोगों के अनुसार उस स्थान पर रेड़ सोन एवं विजुल नदियां जाकर मिलती है जिसका अस्तित्व अब समाप्त कर दिया जा रहा है क्योंकि इस स्थान पर स्थानीय लोगों द्वारा समय-समय पर पूजा अर्चना व बड़े आरती कार्यक्रम रखे जाते हैं किंतु वीर कंट्रक्शन द्वारा महालपुर के भगवा में लीज करा कर सिंदुरिया, मीतापुर, चोपन, रेड़िया व नदी की बीच धारा में पूल बनाकर 15 से 20 पोक लेन मशीनों की मदद से नदी का सीना छलनी करके जमकर रेत दोहन किया जा रहा है। लीज एरिया क्षेत्र भगवा को छोड़कर चोपन सिंदुरिया रेड़िया मीतापुर तक बालू का अवैध खनन करके धड़ल्ले से बिना परमिट व ओवरलोड परिवहन करके बेचा जा रहा है इसका सीधा फायदा खनन माफिया खनन अधिकारी सोनभद्र एवं समस्त संलिप्त भ्रष्ट अधिकारियों को हो रहा है । जिसका पता बड़ी आसानी से तत्काल क्षेत्र में घन मीटर उठान से लगाया जा सकता है किंतु सभी खनन माफिया बरसात का इंतजार कर रहे हैं जिससे उनके द्वारा किए गए राजस्व चोरी को नदी फिर से भर दे। जिससे उनके द्वारा किए गए राजस्व लूट का बंदर बात किया जा सके।

 

एनजीटी नियमों को दरकिनार कर जारी है धड़ल्ले से अवैध खनन

 

ओबरा तहसील के सोन बालू घाटों पर सक्रिय बालू माफियाओं द्वारा एनजीटी नियमों को दरकिनार कर धड़ल्ले से बालू का अवैध खनन किया जा रहा है।

एनजीटी नियमों को दरकिनार करने से आसपास का जनजीवन प्रभावित हो रहा है स्थानीय लोगों के अनुसार नदी का पानी कितना प्रदूषण हो गया है की वन्य जीव स्वत: मरने लगे है । एनजीटी नियमों का ध्यान न रखने से चोपन से लेकर भगवा रेड़िया सिंदुरिया चोपन का आम जनजीवन जिस जल का प्रयोग पीने के लिए बड़ी आसानी से करता था आज उन्हीं लोगों द्वारा उसे जल को प्रदूषित देख कर बोरिंग के जल पर निर्भर हो रहे हैं। और यह समूचा क्षेत्र नदियों के निर्मल प्रवाह को छोटे-छोटे प्रदूषित तालाबों के रूप में बदल दिया गया है भगवा साइड पर सक्रिय बालू माफिया एनजीटी के नियमों की अनदेखी कर नदी के बीच धारा तक बालू का अवैध खनन किया जा रहा है। खनन करने वालों ने नदी की धारा भी मोड़ दी है तथा बीच धारा में धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है । शिकायतों के बाद भी इस कारोबार पर विराम नहीं लग पा रहा है।

 

वीर कंस्ट्रक्शन द्वारा लगातार हो रहा अवैध खनन

 

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के भगवा साइड पर में राज्य सरकार द्वारा वीरा कंस्ट्रक्शन को 5 साल के लिए बालू लीज किया गया है। वीरा कंस्ट्रक्शन द्वारा सारे नियम को ताक पर रखकर बालू का अवैध खनन इस कदर किया जा रहा कि पर्यावरण का सन्तुलन बिगड़ता जा रहा है। बालू कारोबारियों द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से पोकलैंड व नाव लगाकर 50-50 फीट गहरे तालाब बना दिए गए हैं। जबकि एनजीटी के नियमावली के तहत खनन 3 फीट तक ही किया जा सकता है। वहीं बिना इजाजत के नदियों में कच्चे पुल का निर्माण किया गया है।

 

एनजीटी के नियमों को किया दरकिनार

 

यहां एनजीटी और खनिज अधिनियम के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हालत ये है कि यहां 1 किलोमीटर तक नदी के तहलटी में बड़े-बड़े तालाब बना दिए गए हैं। नदी क्षेत्र के दर्जनों जगहों पर मुख्य धारा को मोड़कर रात के समय अवैध खनन कई गुनी रफ्तार से चलता है।

 

आचार संहिता के दौरान भाजपा सरकार को बदनाम करने के कोशिश लगातार जारी

 

अब देखने वाली बात होगी चुनावी मौसम में जबकि आचार संहिता लागू है । जिसमें समय सारी प्रशासनिक व्यवस्था चुनाव आयोग द्वारा देखा जाता है और इसी समय तमाम विपक्षी दलों को कोई ना कोई मुद्दा बनाना होता है। ऐसे में जब अवैध खनन जोरों पर है जिसे बाहरी लीजधारकों द्वारा अंजाम दिया जाता है। क्या मौजूदा सरकार को बदनाम करने की साजिश नहीं है ? बालू जानकर बताते है कि पूर्व में कभी भी इस तरह का अवैध बालू खनन कभी नहीं देखने को मिला। लेकिन आचार संहिता के दौरान अधिकारी अकूत संपत्ति अर्जित करने में प्रयासरत है या बालू माफियाओं के कार्यों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और सरकार की छवि को धूमिल करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। 2 महीनों के अवैध खनन वीडियो रिकॉर्ड को लेकर जनहित याचिका लगाने की बात स्थानीय संस्थाओं द्वारा की जा रही है । समाचार लगाने का उद्देश्य राज्य सरकार को हो रहे भारी राजस्व क्षति से बचाना है। और राजस्व के बंदरबांट को रोककर दोषियों को पर उचित कार्रवाई कराना है।

 

खनन निदेशालय ने लिया संज्ञान कार्रवाई का दिया आश्वासन

 

लगातार खबरों के प्रकासन एवं सोनभद्र के जिला खनिज प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई न करने के कारण मुख्यमंत्री कार्यालय व अन्य विभागों में शिकायतों से के बाद खनन निदेशालय प्रमुख वन कार्यालय जल संरक्षण विभाग सतर्कता विभाग व अन्य विभागों द्वारा भगवा साइड की जांच करने का आश्वासन दिया गया है देखना यह है कि जीरो टॉलरेंस की नीति रखने वाले माननीय मुख्यमंत्री बाबा आदित्य नाथ तो बदनाम करनेवाले खनन माफिया एवं भ्रष्ट प्रशासनिक अधकारियों पर क्या कार्रवाई की जाती है। जबकि खनन माफियाओं द्वारा यह कहा जाता है कि बाबा तक उनकी सीधी पकड़ है।

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