हाईटेंशन तार के नीचे अधिकारियों की सरपरस्ती में चल रही खदान में अनियंत्रित ब्लास्टिंग के साथ मानकों को दरकिनार कर धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन

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खनन अधिकारी सोनभद्र का बड़ा बयान ऐसे खानन मालिकों को चिन्हित कर होगी कार्रवाई

मामला है गंगा स्टोन खदान बिल्ली का

सोनभद्र। ओबरा तहसील के निकट बिल्ली ओबरा में हाईटेंशन तार के नीचे अनियंत्रित ब्लास्टिंग के साथ जमकर किया जा रहा है अवैध खनन जिसमें अति तीव्रता के साथ ब्लास्टिंग किया जा रहा है। यहां मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन किया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार हाईटेंशन तार के क्षतिग्रस्त होने को लेकर कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना तथा गर्मी के इन दिनों में जहां पानी जीवन के लिए अमूल्य वस्तु है और मौलिक जरूरत भी किंतु इस तरह के अवैध खनन से आसपास के रहवासियों का जल स्तर गिरता जा रहा है कारण यह है कि अनियंत्रित अवैध खनन कर भूगर्भ जल बहाया जा रहा है जिससे आसपास के घरों पर जल स्रोत लगातार गिरता जा रहा है

अनियंत्रित ब्लास्टिंग से लगातार क्षतिग्रस्त हो रहा हाईटेंशन तार

इस खदान के ऊपर से गुजर रहे हाईटेंशन तार पर लगातार अनियंत्रित ब्लास्टिंग से पत्थर के टुकड़े तार को क्षतिग्रस्त कर रहे हैं साथ ही अत्यधिक कंपन्न से हाईटेंशन तार सहित उनके बड़े-बड़े टावरों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना लगातार बनी हुई है सूत्रों की माने तो बिजली विभाग व संबंधित विभागों द्वारा खदान मालिकों को चेतावनी दे दी जा चुकी है किंतु कुछ समय के लिए खदानों को बंद कर अधिकारियों के चले जाने के बाद खदान को पुन: चालू करा दिया जाता है।अनियंत्रित ब्लास्टिंग के कारण आसपास के घरों तक पत्थर पहुंच जाते हैं जिससे किसी भी समय अप्रिय घटना घटने की संभावना बनी रहती है व अत्यधिक प्रदूषण के कारण आम जनमानस अस्थमा जैसी अन्य बीमारियों के शिकार बन रहे हैं।

लीज क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्र में किया जा रहा है अवैध खनन

सूत्रों की माने तो लीज क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल में खनन किया जा रहा है बेतहाशा धन कमाने की चाह में खनन मानक को दरकिनार कर अवैध खनन तेजी से किया जा रहा है। यह खनन कार्य कितने क्षेत्र में किया जा रहा है इसका पता स्थानीय लोगों को ना चले जिसके लिए कुछ साइन बोर्ड ऐसे भी लगाए गए हैं जिसमें लिखा है कि हेलमेट के बिना प्रवेश वर्जित है ताकि आम आदमी खनन क्षेत्र में प्रवेश न कर सके जबकि ब्लास्टिंग करने वाले कई मजदूर बगैर हेलमेट के ब्लास्टिंग के लिए होल करते और उन्हीं होलों को ब्लास्टिंग मटेरियल से भरते भी हैं हालांकि खदान में ब्लास्टर लगे हुए हैं किंतु होल में ब्लास्टिंग मटेरियल भरने का काम अकुशल दिहाड़ी मजदूरों से कराया जाता है केवल ब्लास्टर की मौजूदगी में ब्लास्टिंग कराया जाता है। और वह भी इतनी तीव्र कि पत्थर के टुकड़े आसपास के घरों में पहुंच जाते हैं और उसके कंपन से दूर-दूर तक क्षेत्र हिलने लगता है घरों के खिड़की दरवाजे हिलने लगते हैं।

खदान बनता जा रहा है मौत का कुआं या खाई

यह खदान वास्तव में इतनी गहरी है जितना की किसी बड़े मौत के कुएं के निर्माण से भी ज्यादा गहरा है । जिसके कारण समय-समय पर खनन अधिकारी द्वारा जांच भी कराया जाता है किंतु बावजूद उसके ब्लास्टिंग तीव्रता आज तक कभी कम नहीं किया गया और ना ही प्रदूषण की व्यवस्था हेतु जल छिड़काव किया गया बल्कि अत्यधिक गहराई तक खनन कर शुद्ध पेयजल की बड़ी मात्रा सड़कों पर और बंद पड़ी खदानों में बहा दिया जाता है। जहां एक तरफ सरकार सोनभद्र जैसे आदिवासी क्षेत्र में जल की कमी को देखते हुए गांव गांव तालाब कुएं तथा जलजमाव की व्यवस्था कर रहा है वहीं दूसरी तरफ खनन माफिया शुद्ध पेयजल की बहुत बड़ी मात्रा को प्रदूषित कर सोनभद्र के लिए जल संकट जैसी स्थिति पैदा कर रहे हैं और उससे पैदा होने वाली तमाम बीमारियों के रास्ते खोल रहे हैं ।

संबंधित विभागों ने लिया संज्ञान हो सकती है बड़ी कार्रवाई

लगातार खबरों के प्रकाशन व शिकायतों के आधार पर संबंधित विभागों ने मामले की गंभीरता को संज्ञान में लिया है तथा बिजली विभाग व खनिज विभाग के बड़े अधिकारियों द्वारा ठोस कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है । प्राप्त सूचना के अनुसार संबंधित विभाग अति शीघ्र निरीक्षण के लिए आ सकते हैं तथा खदान के सुरक्षा मानकों सहित हाईटेंशन तार की खदान से दूरी का निरीक्षण कर जांच के उपरांत लीज एरिया से अधिक किए गए खनन तथा छतिग्रस्त तार की भरपाई हेतु समन शुल्क निर्धारित किया जा सकता है फिलहाल संबंधित अधिकारियों का कहना है कि मानक के विपरीत खनन किए जाने वाले किसी भी खनन कर्ता को बक्सा नहीं जाएगा तथा संबंधित खदान का निरीक्षण कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

प्राकृतिक सौन्दर्यता का हनन कर धड़ल्ले से किया जा रहा है अवैध खनन

वास्तव में यह क्षेत्र खनिज संपदाओं का बाहुल्य क्षेत्र है और मानकों के अनुरूप खनन किया जाता तो यह क्षेत्र खनिज संपदाओं के साथ अपनी प्राकृतिक सुंदरता भी बनाए रखता किंतु खनन माफियाओं के अकूत धन कमाने की चाह ने सोनभद्र के प्राकृतिक सौंदर्यता को नष्ट करने का पूर्णरूपेण विचार बना लिया है यही कारण है कि आज भी मानकों की धज्जियां उड़ाते हुए खनन किया जा रहा है जिसके लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा शिकायत पत्र भी दिया गया है तथा स्थानीय लोगों द्वारा और अत्यधिक तीव्रता के साथ ब्लास्टिंग संबंधित प्रार्थना पत्र देने हेतु तैयारी की जा रही है मामला संज्ञान में लाने हेतु समाचार लगाया जा रहा है जिससे खनन क्षेत्र की वास्तविकता से जिलाधिकारी महोदय को अवगत कराया जा सके और संबंधित पर उचित कार्यवाही करते हुए माननीय मुख्यमंत्री के जीरो टॉलरेंस नीति की पारदर्शिता और गरिमा का ध्यान रखते हुए सुशासन की व्यवस्था की जा सके ।देखना यह है कि इस तरह की खबरों का जिला प्रशासन क्या संज्ञान लेता है और ऐसे खनन माफियाओं पर क्या कार्रवाई की जाती है।

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