विवादों में घिरे गंगा स्टोन खदान पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई मामला पहुंचा मुख्यमंत्री दरबार

156

हाईटेंशन तार के नीचे अनियंत्रित ब्लास्टिंग से हो रहे अवैध खनन का है मामला

सोनभद्र/ओबरा। सोनभद्र जिला खनिज संपदा के लिए जाना जाता है साथ ही यहां की प्राकृतिक सुंदरता अत्यधिक सुप्रसिद्ध है यहां गरीब आदिवासी समाज बहुतायत में निवास करता है सरकार ने भी यहां के आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष सुविधाएं देने हेतु कई योजनाएं चला रखी है किंतु इन योजनाओं में खनन भी क्षेत्र के विकास के लिए कराया जाता है यदि मानकों पर आधारित खनन किया जाए तो प्राकृतिक सुंदरता का स्वरूप भी नहीं बदलता और उससे प्राप्त होने वाले राजस्व द्वारा यहां के गरीबों के लिए कई योजनाएं व सुविधाएं प्राप्त हो सकती है किंतु ऐसे खनन माफिया जो जिले में आदिवासी मजदूरों व रहवासियों के साथ धोखा करने में औवल तो है ही साथ ही सरकार व सरकारी अधिकारियों को धोखा देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते है। ऐसे खनन माफिया किसी व्यक्ति वस्तु जाति समाज के नहीं हो सकते वरन यह अपनी व्यवस्था सुधारने में किसी का भी नुकसान होता हो इससे पीछे नहीं हटते यही कारण है कि सोनभद्र जिले में कई बार ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है जहां कृषि भूमि पर खनन किया जा रहा है अथवा जल की मुख्यधारा में खनन किया जा रहा है या फिर वन भूमि में खनन किया जा रहा है अथवा आम आदमियों के घरों के बगल में खनन किया जा रहा है या फिर ओवरलोड गाड़ियों की बहुतायत है जिससे सड़क का स्वरूप बदलता जा रहा है या यू कह सकते हैं की पक्की सड़क कच्चे गड्ढों में तब्दील होते चले जा रहे हैं आम आदमी के जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ रहा है इसकी कोई चिंता ऐसे खनन माफिया को नहीं है और ना ही खनन से जुड़े हुए भ्रष्टाचार पोषित अधिकारियों को ही है या यूं कह सकते हैं कि जिले के वह तमाम बड़े अधिकारी जो कहीं ना कहीं किसी न किसी रूप में खनन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ पा रहे हैं प्लीज व्यवस्था में सम्मिलित है यही कारण है कि इसका विरोध करने वाले छोटे गरीब तबके के लोग या तो कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाते रह जाते हैं या फिर उन्हीं में से कुछको धन और बल देकर बाकियों को शांत करा दिया जाता है ।इसी क्रम में हम देख रहे हैं कि सोनभद्र की कई खदानें अनियंत्रित ब्लास्टिंग कर आम आदमी के जीवन को उथल पुथल कर रहे हैं। यहां इस क्षेत्र में अनियंत्रित ब्लास्टिंग 5 किलोमीटर 10 किलोमीटर दूर हो रही है और उसके कंपन का असर 5 किलोमीटर 10 किलोमीटर तक पहुंच रहा है प्रदूषण से हर खाशोआम परेशान है और ज्यादातर लोग इसीलिए चार चक्का वाहन का प्रयोग करना चाहते हैं या फिर घर से निकलने के बाद प्रतिदिन कपड़े को वास करना पड़ता है इस तरह के परेशानियों के लिए खनन माफिया पूर्ण रूप से जिम्मेदार है क्योंकि अगर वे वैध खनन करते तो कोई भी अधिकारी उन्हें अवैध करने के लिए प्रेरित नहीं करता और शायद हर आम आदमी परेशानी से बच जाता है फिलहाल एक नया मामला सामने आया है या जो पुराना होते हुए भी नया है गंगा स्टोन जो की हाईटेंशन तार के नीचे एक ऐसी खदान है जहां पर अनियंत्रित ब्लास्टिंग की जा रही है जिसके कारण हाईटेंशन टावर व तार क्षतिग्रस्त हो रहे हैं बावजूद इसके बिजली विभाग व अन्य विभागों के संबंधित अधिकारियों द्वारा इस खदान को चलने देने की शायद अनुमति प्रदान कर रखे हैं जिसके कारण यहां मानकों को दरकिनार कर खनन किया जा रहा है सूत्रों की माने तो यह अपने खनन एरिया से अधिक एरिया में खनन कर रहा है साथ ही अनियंत्रित ब्लास्टिंग व सेफ्टी माइंस जैसे नियमों को दरकिनार कर अवैध खनन किया जा रहा है समाचार लगाने का उद्देश्य प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसे तमाम खदान बंद होने चाहिए जो मानकों की अनदेखी कर खनन कर रहे हैं और प्राकृतिक सौंदर्यता के दुश्मन बने हुए माननीय मुख्यमंत्री जोकि जीरो टॉलरेंस नीति के तहत राज्य को चला रहे हैं उनके संज्ञान लेने पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है जिसके लिए कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर अथवा अन्य माध्यमों से मुख्यमंत्री कार्यालय तक शिकायत सूचना दे दी है। जानकारों की माने तो कोई बड़ी कार्रवाई मुख्यमंत्री कार्यालय से की जा सकती है तथा संबंधित विभागों द्वारा भी औचक निरीक्षण कर दोषियों पर उचित कार्रवाई हो सकती है अब देखना यह है कि यह कार्रवाई कब सुनिश्चित होती है।

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)

Live Share Market

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now